विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक, शराब पीने और स्मोकिंग से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा 8% तक बढ़ता है।भारतीय महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले अधिक सामने आते हैं। पुष्पांजली एनजीओ की रिपोर्ट के अनुसार हर 28 में से एक महिला को ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा रहता है। ज्यादतर ब्रेस्ट कैंसर की 4 स्टेज होती है। यदि कैंसर पहली स्टेज यानी शुरुआती अवस्था में हो तो मरीज के ठीक होने की उम्मीद 80 फीसदी तक होती है और दूसरी स्टेज में 60 से 70 फीसदी तक ठीक होने की सम्भावना रहती है लेकिन कैंसर की तीसरी या चौथी स्टेज में इलाज थोड़ा कठिन हो जाता है। यदि इसके कुछ लक्षणों को अगर समय पर पहचान लिया जाए तो इलाज आसान हो जाता है।
ब्रेस्ट कैंसर के मुख्य लक्षण
पुष्पांजली एनजीओ के मुताबिक यदि आप को स्तन में गांठ, स्तन के निप्पल के आकार या स्किन में बदलाव, स्तन का सख्त होना, निप्पल से रक्त या लिक्विड निकलना इसके प्रमुख और मुख्य लक्षण हैं। इसके अलावा स्तन में दर्द, बाहों के नीचे भी गांठ होना भी स्तन कैंसर के संकेत हैं। हालांकि स्तन में हर गांठ कैंसर नहीं होती, लेकिन इसकी जांच करवाना बेहद जरूरी है, ताकि यह आगे चलकर कैंसर का रूप ना ले।इस रोग का इलाज संभव है इस लिए रोग से डरे नहीं। यदि पहली स्टेज में हो और इस की पहचान हो जाती है तो इसे जड़ से खत्म किया जा सकता है।
क्यों होता है यह कैंसर
बढ़ती उम्र के अलावा हार्मोनल थैरेपी में दी जाने वाली दवाएं, अधिक उम्र में शादी करने के साथ ही अधिक उम्र में बेबी प्लान करना, आनुवांशिकता, खराब जीवनशैली, अल्कोहल लेने से यह कैंसर हो सकता है। ब्रेस्ट कैंसर का एक कारण आनुवांशिक भी हो सकता है, लेकिन ऐसा सिर्फ 5-10 प्रतिशत महिलाओं में ही पाया जाता है।
7 गलतियां जो बढ़ाती हैं ब्रेस्ट कैंसर की आशंका
1. बढ़ता मोटापा
महिलाओ का बढ़ता मोटापा ब्रेस्ट कैंसर का कारण बनता है। खासतौर पर मेनोपॉज के बाद महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ने लगता है। ऐसा बॉडी में से ज्यादा हार्मोन्स फैट टिशु निकने के कारण होता हैं। जब बॉडी में फैट जमा होने से एस्ट्रोजेन का लेवल कम होता है और कैंसर का खतरा बढ़ता है।
2. ब्रेस्ट फीडिंग न कराने पर
बहुत महिलाओ का मानना है कि ब्रेस्टफीडिंग कराने से उनका फिगर खराब हो जाता है। इस लिए वो इसे अवॉयड करती हैं लेकिन इससे ब्रेस्ट कैंसर का खतरा अधिक रहता है। दरअसल ब्रेस्टफीडिंग कराने से हार्मोंस बैलेंस में रहते हैं, जबकि जो महिलाएं ब्रेस्टफीडिंग नहीं कराती उनमें हार्मोंस का संतुलन बिगड़ता है और ब्रेस्ट कैंसर की आशंका बढ़ती है।
3.खानपान का ध्यान रखने पर
जो महिलाएं अपने खानपान का ध्यान नहीं रखती हैं, उन महिलाएं में ब्रेस्ट ट्यूमर का खतरा अधिक होता है। ज्यादा मीठा, केचअप, स्पोर्टस ड्रिंक, चॉकलेट मिल्क सहित शुगर युक्त फूड ब्रेस्ट कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ाने में मदद करते हैं। इसी तरह प्रोसेस्ड फूड में मिलने वाला फैट ब्रेस्ट कैंसर की वजह बन सकता है। इसलिए इस तरह की डाइट अवॉयड करें।
4. लम्बे समय से गर्भनिरोधक दवाएं लेने पर
अगर आप लंबे समय तक गर्भनिरोधक दवाएं खाती हैं तो इससे भी ब्रेस्ट कैंसर का खतरा 50 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। इन सब दवाओं में एस्ट्रोजन की मात्रा अधिक होती है जो शरीर में जरूरत से ज्यादा हो जाए तो ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ता है।
5. प्लास्टिक की चीजों का अधिक इस्तेमाल
घर में, सफर के दौरान या मीटिंग में प्लास्टिक की बोतल में पानी पीना या इससे बने बर्तनों में खाना खाने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ता है। दरअसल प्लास्टिक कंटेनर्स में इंडोक्राइन डिसरप्टिंग कैमिकल जैसा रसायन होता है जो शरीर के हार्मोनल सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है।
6. एक्सरसाइज से दूरी बनाना
जो महिलाएं एक्सरसाइज करने से बचती हैं, उनमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। मेनोपॉज के बाद तो महिलाओं के लिए एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी होता है। अगर यदि किसी महिला को हेवी एक्सरसाइज पसंद न हो तो रोज आधे घंटे की सैर कर सकती हैं।
7. शराब और स्मोकिंग की लत
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार यदि कोई महिला शराब पीने और स्मोकिंग करती है तो इससे उस के स्तन के कैंसर का खतरा 8% तक बढ़ता है।