आप किसी भी हाल में अपने अपने एहसासों पर भरोसा करें, मानसिक रूप से परेशान बच्चों की मदद करें पैरेंट्स और साथ भी यह भी जाने की मानसिक रूप बीमार टीनएजर्स या बच्चो की सेहत कैसे बेहतर बनाये।
एक्सपर्ट की माने तो, टीनएजर्स को जब भी बुरा महसूस हो, तो वे अपने पसंदीदा काम करना शुरू कर दे। बच्चो को जब बुरा महसूस करना इस बात को साबित करता है कि आपकी भावनाएं, वैसे ही हैं, जैसा उन्हें रहना चाहिए।
कोरोना वायरस माहमारी के दौर में बच्चे हों या बड़े, सभी उम्र के लोग मानसिक रूप से परेशान ही हैं। स्कूल बंद होने, घर से ऑफिस का काम चलने और दोस्त से नहीं मिल पाने के कारण टीनएजर्स और बच्चों का विकास प्रभावित हुआ है। इसके अलावा रूटीन भी बिगड़ गया है महीनों से घर में रहकर एक ही काम को दोहराना, कोरोना का डर जैसी कई चीजें बच्चों को मानसिक रूप से परेशान कर रही हैं। हालांकि, पैरेंट्स कि थोड़ी सी मदद टीनएजर्स और बच्चों को भावनात्मक रूप से मजबूत बना सकती हैं। कुछ ऐसी टिप्स है जो आप के लिए और आप के टीनएजर्स और बच्चों के लिए बहुत मददगार हो सकती हैं।
1. जो पसंद हो वह काम करें
इन हालात में टीनएजर्स भी बड़ों की ही तरह सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह की चीजें महसूस कर रहे हैं। इस कारण बच्चे मानसिक तौर पर असहजता बढ़ती जा रही है। इसका एक मतलब यह भी हो सकता है कि टीनएजर्स टीनएजर्स को सुख नहीं मिल पा रहा है और इस माहौल में खुशी पाने के मौके बहुत कम ही मिल रहे हैं। यदि आप उन के साथ थोड़ा समय निकाल के वीडियो गेम्स, पेट के साथ मस्ती करना, कोई खास रेसिपी, घूमना-फिरना पसंद करो उन के साथ और साथ ही टीनएजर्स को जो पसंद है वो करे और उस का मज़ा ले।
2. अपने एहसासों पर भरोसा रखें
जब आप चिंतित, दुखी, तनाव में हों, इस बात पर भरोसा रखें कि आप गलत महसूस नहीं कर रहे हैं। मायूसी भरे माहौल में दुखी होना इस बात का सबूत है कि आपके एहसास ठीक उसी तरह से काम कर रहे हैं, जैसा उन्हें करना चाहिए। आप असलियत का सामना कर रहे हैं। अपने अच्छे मूड का भी भरोसा करें।
3. खुद पर भरोसा करें
कभी कभी हम बुरे एहसासों के लिए दिमाग में जगह बना लेते हैं। जबकि, कई बार हमारा साइकोलॉजिकल डिफेंस खुद ही इन्हें बाहर कर देता है। हालांकि, साइकोलॉजिकल डिफेंस मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। ये आमतौर पर स्वस्थ्य होते हैं और यह बताते हैं कि एक बार में हम कितनी मायूसी झेल सकते हैं। आपका दिमाग इस बुरे वक्त में आपकी मदद करने के लिए बना है। अपने दिमाग की क्षमताओं को इकट्ठा करें और भावनात्मक स्तर को सुधारें।
4. मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखें
आप अच्छी नींद और बेहतर फिजिकल एक्टिविटी आपके मूड को बेहतर, स्ट्रेस को कम करेगा। आप हमेशा उन लोगों की संगत का मजा लें जो आपको शांत और ऊर्जावान रखते हैं। कोरोना माहमारी को लेकर आपको दुखी या नाराज होने का पूरा हक है। खुद को दुखी होने का वक्त दें।
5. यह जानें कि कब दुखी होना है
अगर दुख, चिंता, नाराजगी, मायूसी कुछ पलों के लिए है तो ठीक, लेकिन अगर यह एक या दो दिन से ज्यादा बनी हुई है तो चिंता की बात है। चिंता का दूसरा कारण यह हो सकता है, जब आप रोज परेशान महसूस करने लगें। लोगों को नजरअंदाज करना, नाराज रहना, नशा करना या सोशल मीडिया के उपयोग के लिए नींद को दांव पर लगाना कुछ समय के लिए तो सुकून देता है, लेकिन यह लंबे समय में परेशानियां भी खड़ी कर सकता है। इसके बाद अगर अगर आप खुद को नुकसान पहुंचाने के बारे में सोचने लगें या खुद को असुरक्षित महसूस करने लगें तो यह चिंता की बात है। इस बुरे माहौल ने सभी को प्रभावित किया है, लेकिन टीनएजर्स को अपनी खास शक्तियों को कम नहीं समझना चाहिए। इस बुरे वक्त में मेंटल हेल्थ का ध्यान रखना आपको अभी और भविष्य में बेहतर रखेगा।